पुरखों की गाढ़ी कमाई से हासिल की गई चीजों को हराम के भाव बेचने को मेरा दिल गवाही नहीं देता।’ मालकिन के इस कथन के आलोक में विरासत के बारे में अपने विचार व्यक्त कीजिए।

मालकिन माटी वाली को पीतल के गिलास में चाय देती है। तब माटी वाली पुराने पीतल के बर्तन को अभी तक संभाल के रखने पर मालकिन की तारीफ करती है। मालकिन का ऐसा कहने का मतलब है कि हमारे पुरखों ने बहुत संघर्ष के बाद चीजों को पाया है। अपना पेट काटकर कीमती चीजें जमा की होंगी। इन वस्तुओं का मूल्य हम धन से नहीं आँक सकते हैं। हम चाहे इन वस्तुओं में वृद्धि न कर पाएँ लेकिन इन वस्तुओं को कौडियों के दाम पर तो न बेचें। कुछ लोग स्वार्थवश इसे कम दाम में बेच देते हैं जो उचित नहीं है। हमें इनके पीछे छिपी भावना को समझना चाहिए।


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